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NGO CyberPeace ने InMobi के साथ मिलकर पेश किया Digital Jan Shakti, सरकार ने की सराहना

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  साइबर सुरक्षा से जुड़े गैर-लाभकारी संगठन साइबरपीस और स्टार्टअप कंपनी इनमोबी ने ‘डिजिटल जन शक्ति’ पहल पेश की है. इस पहल का उद्देश्य देश में युवाओं और वंचित समुदायों में डिजिटल सुरक्षा तथा साइबर सुरक्षा कौशल को बढ़ाना है. दोनों कंपनियों ने सोमवार को जारी संयुक्त बयान में यह जानकारी दी.  बयान के अनुसार, ‘डिजिटल जन शक्ति’ पहल झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में पेश की गई. इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा, ‘‘यह पहल भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है....’’

Startup ShutDown: बंद हो गया स्टार्टअप, ओला के भाविश अग्रवाल ने भी लगाए थे पैसे, सब डूब गए!

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  बेंगलुरु का स्टार्टअप O’Be Cocktails करीब 5 सालों तक बिजनेस चलाने के बाद आखिरकार बंद हो गया है. नितेश प्रकाश ने जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की थी, जो एक रेडी-टू-ड्रिंक कॉकटेल मुहैया कराने वाला स्टार्टअप था. कंपनी का मकसद लोगों को तमाम चीजों का परफेक्ट मिक्स बनाकर एक प्रीमियम एक्सपीरियंस देना था, लेकिन कंपनी ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई. स्टार्टअप ने तेजी से खुद को स्केल किया. इसी की वजह से कंपनी 22 प्राइवेट डिस्ट्रीब्यूटर्स और दो सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए बहुत सारे लोगों तक पहुंचने में कामयाब हुई. हालांकि, कंपनी बाजार में लंबे वक्त तक टिक नहीं सकी और बिजनेस बंद करना पड़ गया. नितेश प्रकाश कहते हैं कि यह एक कमोडिटाइज्ड बिजनेस है, जिसकी वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. एक मुश्किल फैसला, लिंक्डइन पर की पोस्ट प्रकाश ने खुद ही एक लिंक्डइन पोस्ट के जरिए स्टार्टअप शट डाउन होने की सूचना सार्वजनिक की है. उन्होंने कहा है कि यह उनकी जिंदगी के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक रहा है. उन्होंने बताया कि कंपनी को एल्कोहल बेवरेज इंडस्ट्री से बहुत तगड़ी टक्कर मिली, जिससे उनका बिजनेस ठप हो गया. कंपन...

MBA Chaiwala: कितनी संपत्ति के मालिक हैं , 26 की उम्र में चाय बेचकर बने करोड़पति

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  MBA Chaiwala Net Worth: प्रफुल्ल बिल्लौर, जिन्हें ‘MBA Chaiwala’ के नाम से जाना जाता है. अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से एक प्रेरणादायक सफलता की कहानी लिखी है. मध्य प्रदेश के धार जिले में 14 जनवरी 1996 को जन्मे प्रफुल्ल ने प्रारंभिक शिक्षा के बाद एमबीए करने का सपना देखा, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद कैट परीक्षा में सफलता नहीं मिली. इस असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ नया करने की ठानी. अहमदाबाद में मैकडॉनल्ड्स में नौकरी करते समय, प्रफुल्ल ने देखा कि चाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और हर क्षेत्र में पसंद की जाती है. इससे प्रेरित होकर, उन्होंने मात्र 8,000 रुपये की पूंजी से ‘एमबीए चायवाला’ के नाम से एक छोटी चाय की दुकान शुरू की. एमबीए का अर्थ था ‘मिस्टर बिल्लौर अहमदाबाद’. उनकी अनोखी मार्केटिंग रणनीतियों और ग्राहकों से अंग्रेजी में संवाद करने की शैली ने उन्हें विशेष पहचान दिलाई. धीरे-धीरे, उनकी चाय की दुकान लोकप्रिय होती गई, और आज ‘एमबीए चायवाला’ ब्रांड के तहत देशभर में 100 से अधिक आउटलेट्स हैं. उनकी कंपनी का वार्षिक टर्नओवर  लगभग 5 करोड़ रुपये है और उनकी कुल स...

सेबी ने बाजार में लिस्टेड कंपनी को किया बैन, शेयर क्रैश,

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  पिछले साल एनएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड कंपनी कालाहरिधान ट्रेंडज (Kalahridhaan Trendz) को सेबी ने अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है। कंपनी के निदेशकों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है। इस एक्शन के बाद मंगलवार के कारोबार में कालाहरिधान ट्रेंडज के शेयर क्रैश हो गए। इस शेयर में 5% का लोअर सर्किट लगा और भाव 19 रुपये पर आ गया। बता दें कि टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की यह कंपनी 23 फरवरी, 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी।   सेबी ने क्यों की कार्रवाई सेबी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रथम दृष्टया निष्कर्षों से पता चला है कि कंपनी अपने बकाया भुगतान में चूक के संबंध में जानकारी नहीं दी। इसके अलावा झूठी और भ्रामक कॉर्पोरेट घोषणाएं की गई। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने कहा कि झूठी और भ्रामक कॉर्पोरेट घोषणाओं ने शेयर की कीमत और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर सकारात्मक प्रभाव डाला। ऐसा प्रतीत होता है कि कंपनी ने संभावनाओं की एक अच्छी तस्वीर पेश करने और निवेशकों को कंपनी के शेयरों में ट्रेड करने के लिए प्रेरित करने के लिए उक्त कॉर्पोरेट घोषणाएं की थीं। ...

Premanand Maharaj ji Net Worth : क्या वास्तव में उनके पास कोई संपत्ति है? जानें उनका खुद का जवाब

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  आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रहती हैं, खासकर उनकी संपत्ति को लेकर. लेकिन क्या वास्तव में उनके पास कोई संपत्ति है? खुद प्रेमानंद जी महाराज ने इस पर खुलकर जवाब दिया है. प्रेमानंद जी महाराज के पास कोई संपत्ति है? tv9 hindi वेबसाईट के अनुसार प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि उनके पास कोई निजी संपत्ति नहीं है. न तो उनके नाम पर कोई बैंक खाता है और न ही किसी प्रकार की अचल संपत्ति (जमीन, मकान, फ्लैट आदि). वे पूरी तरह से एक साधु जीवन जीते हैं और किसी भी भौतिक संपत्ति के मालिक नहीं हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर कोई उनसे 10 रुपये भी मांगे, तो उनके पास वह भी देने के लिए नहीं होगा. यह बयान दर्शाता है कि उनका जीवन त्याग और आध्यात्मिक साधना पर केंद्रित है, न कि सांसारिक संपत्तियों पर. कहां रहते हैं प्रेमानंद जी महाराज? प्रेमानंद जी महाराज किसी व्यक्तिगत घर में नहीं रहते. वे एक भक्त के फ्लैट में रहते हैं, जहां उनके रहने और खाने की सभी आवश्यकताओं का ध्यान उनके अनुयायी रखते हैं. यहां तक कि बिजली बिल भी वही लोग चुकाते हैं. यह भी दर्शाता है कि उन्होंने ...

Shein ऐप की भारत में वापसी 5 साल पहले लगा था बैन, meesho और Myntra की बढ़ी टेंशन

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  एक वक्त तक भारत में Shein काफी पॉपुलर ई-कॉमर्स ऐप हुआ करता था। हालांकि ऐप अचानक से मार्केट से गायब हो गया। लेकिन अब मुकेश अंबानी ने मोबाइल ऐप Shein को दोबारा से भारत में लॉन्च किया है। यह एक ग्लोबल फास्ट फैशन ब्रांड है। इस ऐप पर भारत और चीन सीमा विवाद की वजह से साल 2020 में बैन लगाया गया था। अब इस ऐप को रिलायंस रिटेल के साथ साझेदारी ने लॉन्च किया है। किन यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा ऐप Shein ऐप एंड्रॉइड और आईओएस ऐप पर मौजूद है। इस ऐप को शुरुआती तौर पर दिल्ली, मुंबई, बैंग्लुरू में सर्विस देने के लिए रोलआउट किया गया है। इसके बाद इसे पूरे देश में रोलआउट किया जाएगा। Shein ऐप का पूरा कामकाज मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी देख रही हैं। Shein ऐप पर क्यों लगा था बैन Shein ऐप पर भारत सरकार ने कंज्यूमर डेटा सिक्योरिटी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर बैन लगाया था। बैन से पहले Shein ऐप भारत में सस्ते और ट्रेंडी कपड़ों को लेकर काफी फेमस हुआ था। इसके अचानक से भारतीय मार्केट में गायब होने से meesho और Myntra को काफी फायदा हुआ। लेकिन ऐप की रीएंट्री से मीशो और मिंत्रा दोनों की टेंशन बढ़ गई है। बैन ...

ग्वालियर में हीरे का बड़ा भंडार! डायमंड ब्लॉक के लिए 35 गांवों की पहचान

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  हीरे के लिए खास मध्य प्रदेश के पन्ना के बाद अब ग्वालियर की धरती हीरा उगल सकती है। इसके लिए 35 गांव चिह्नित किए हैं। ग्वालियर और शिवपुरी जिले के इन गांवों में पहाड़ और मिट्टी पन्ना जिले जैसी है। इस कारण हीरा होने की संभावना ज्यादा है। जिले के 421 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में डायमंड ब्लॉक देने की तैयारी है। इसे नरवर डायमंड ब्लॉक का नाम दिया गया है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने राजस्व, वन और आरक्षित वन भूमि की जानकारी मांगी है। चंबल की चमकेगी किस्मत जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने ग्वालियर ओर शिवपुरी जिले के राजस्व, वन और आरक्षित वन भूमि की जानकारी मांगी है। जिसके बाद लगभग 35 लोकेशन के टेंडर होंगे। फिर उसकी नीलामी होगी। दरअसल, पन्ना में हीरा पाया जाता है। यह विंध्य ग्रुप का हिस्सा है। ग्वालियर भी विंध्य ग्रुप के तहत आता है। मिट्टी और पहाड़ों की एक जैसी स्थिति को देखते हुए जीएसआई ने सर्वे किया था। इसमें ग्वालियर और शिवपुरी में हीरा मिलने की संभावना नजर आई है। इन जगहों पर खनन संभव वहीं, घाटीगांव क्षेत्र के अधिकतर गांव में 100 फीसदी क्षेत्र में खनन का ब्लॉक दिया जाएगा। भितरवार के लोढी में ...

आ रहा है 300 करोड़ के फ्रेश इश्‍यू वाला ये IPO, जानें क्‍या करती है कंपनी

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बाजार में जल्‍द ही एक और आईपीओ दस्‍तक देने वाला है. इसके लिए ईपैक प्रीफैब टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने गुरुवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास आईपीओ के लिए प्रारंभिक दस्‍तावेज दाखिल किए हैं. यह आईपीओ 300 करोड़ के फ्रेश इश्‍यू और प्रमोटर समूह और शेयरधारकों से 1 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल का मिश्रण होगा. कंपनी इनके माध्यम से पैसा जुटाने की प्‍लानिंग कर रही है. ऐसे में निवेशकों के पास कमाई का मौका हो सकता है. ये शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई लिमिटेड पर लिस्‍ट होंगे. IPO प्‍लेसमेंट की भी तैयारी आईपीओ से पहले, कंपनी 60 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर जारी करने पर विचार कर सकती है. अगर प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पूरा हो जाता है इससे जुटाई गई राशि को नए जारी होने वाले शेयरों से घटाया जाएगा. क्‍या है कंपनी की प्‍लानिंग? नए जारी शेयरों से प्राप्त राशि का इस्तेमाल कंपनी राजस्थान के घिलोथ इंडस्ट्रियल एरिया में एक नई मैन्‍यूफैक्‍चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए किया जाएगा, जहां कंटिन्यूअस सैंडविच इंसुलेटेड पैनल और प्री-इंजीनियर्ड स्टील बिल्डिंग मैन्‍यूफैक्‍चर की जाएंगी. इसके अलावा, आंध्र...

BharatPe अब आईपीओ लाने की तैयारी में, कब तक होगी लॉन्चिंग,

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  BharatPe IPO:  फिनटेक फर्म- भारतपे का आईपीओ अगले 18 से 24 महीनों में लॉन्च हो सकता है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नलिन नेगी के बयान से इसके संकेत मिले हैं। भारतपे के सीईओ ने कहा- हम वित्तवर्ष 2025 में एबिटा को प्रॉफिटेबल बनाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं। हम इसके बारे में बहुत निश्चित हैं। नेगी ने एक बातचीत में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में हम नए उत्पादों को बढ़ाना, उन्हें लॉन्च करना, उन्हें स्थिर करना और उपभोक्ता पक्ष में कुछ आकर्षण हासिल करना चाहते हैं। बता दें कि दिल्ली की इस कंपनी ने 2018 में परिचालन शुरू किया था। हालांकि, साल 2024 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), डिजिटल गोल्ड-आधारित फंड मैनेजमेंट, बिल भुगतान आदि की शुरुआत करके कंज्यूमर प्रोडक्ट वाले व्यवसायों में विस्तार किया पीयर-टू-पीयर ऋण कारोबार बंद करने का प्लान नेगी ने कहा कि भारतपे ने इस साल मार्च के अंत तक अपने पीयर-टू-पीयर (पी2पी) ऋण कारोबार को पूरी तरह से बंद करने की योजना बनाई है। इसने अगस्त 2021 में 12 प्रतिशत क्लब ब्रांड नाम के तहत इस सेगमेंट में प्रवेश किया...

टाइम से पहले FD तोड़ना करा सकता है बड़ा नुकसान, पैसों की जरूरत पडे़ तो ये उपाय आजमाएं

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  एफडी समय से पहले तोड़ने पर बैंक जुर्माना लगाते हैं और ब्याज दर भी कम हो सकती है. मेडिकल या घर की मरम्मत जैसी आपात स्थिति में यह विकल्प हो सकता है, लेकिन पहले एफडी पर लोन या ब्याज भुगतान के विकल्पों पर विचार करें. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीय निवेशकों के बीच सुरक्षित और स्थिर निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है. यह न केवल बाजार की अस्थिरता से बचाव करता है, बल्कि सुनिश्चित रिटर्न भी प्रदान करता है. हालांकि, कई बार परिस्थितियां ऐसी हो सकती हैं, जब निवेशकों को अपनी एफडी को समय से पहले तोड़ने की आवश्यकता पड़ती है, समय से पहले एफडी तोड़ने का निर्णय लेने से पहले इसके फायदे और नुकसान समझना जरूरी है. साथ ही, कुछ वैकल्पिक उपायों पर भी विचार किया जा सकता है. अगर किसी आपात स्थिति में नकदी की जरूरत है, तो एफडी तोड़ना एक मददगार विकल्प हो सकता है. यह तुरंत वित्तीय राहत प्रदान करता है, जैसे मेडिकल इमरजेंसी या घर की मरम्मत के लिए. इसके अलावा, अगर आपके ऊपर कोई उच्च ब्याज दर का कर्ज है, तो एफडी का पैसा इस्तेमाल कर उसे चुकाना समझदारी हो सकती है. एफडी समय से पहले तोड़ने के नुकसान हालांकि, समय से पहले एफडी ...